आयुर्वेद में अभ्यंग यानी तेल मालिश (Oil massage) को बहुत महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। यह शरीर और मन दोनों को स्वस्थ रखने में सहायक है। तेल की मालिश करने से शरीर को आराम मिलता है, तनाव कम होता है और रक्त संचार बेहतर होता है। इससे मांसपेशियों को मजबूती मिलती है, त्वचा को पोषण और नमी मिलती है, और बेहतर नींद आने में भी मदद मिलती है।
ऋतु के अनुसार तेल का चयन करें: सर्दी में तिल या बादाम तेल शरीर को गर्माहट और ताकत देता है। बसंत ऋतु में सरसों या त्रिफला तेल कफ दोष को कम करता है। ग्रीष्म ऋतु में नारियल तेल शरीर को ठंडक देता है। शरद ऋतु में चंदन तेल पित्त को शांत करता है। वर्षा ऋतु में तिल तेल वात एवं कफ को संतुलित करता है।
तेल मालिश से क्या मिलेंगे फायदे: शरीर को लंबे समय तक स्वस्थ रखता है। वात दोष को शांत करता है। रक्तसंचार और पाचन क्रिया में सुधार लाता है। नींद में सुधार आता है, तनाव दूर होता है। जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द से राहत मिलती है।
तेल मालिश कब न करें: सर्दी, खांसी या कफ बढ़ने पर, तुरंत भोजन करने के बाद या भूखे पेट, बुखार, दस्त या उल्टी हों रही हो, बहुत थकान, गर्भावस्था के प्रारंभिक महीनों में न करें।
