आज विज्ञान और तकनीक ने ऐसे मुकाम छू लिए हैं, जो पहले केवल कल्पना में थे। अब डॉक्टर लकवे के मरीजों को सिर्फ उनके विचारों से रोबोटिक हाथ चलाने में मदद कर पा रहे हैं। यह कोई भविष्य की बात नहीं, बल्कि आज की हकीकत है। इस नई तकनीक की वजह से न्यूटोटेक्नोलॉजी स्पेशलिस्ट्स जैसी नौकरियां सबसे ज्यादा कमाई वाली बन रही हैं। 2028 तक ग्लोबल ब्रेन-कंप्यूटर मार्केट 4.7 बिलियन डॉलर तक बढ़ने वाला है, जिसका मतलब है कि इस क्षेत्र के पेशेवरों को बहुत अच्छी सैलरी मिलने वाली है।
Neurotechnology- न्येटोटेक्नोलॉजी मस्तिष्क विज्ञान, इंजीनियरिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को जोड़ती है। हाल ही में एफडीए की मंजूरी वाले डिवाइस पार्किसंस जैसी बीमारियों का इलाज कर रहे हैं और लकवाग्रस्त मरीज अपने विचार से कंप्यूटर कंट्रोल कर पा रही है, लेकिन प्रशिक्षित लोगों की भारी कमी है। भारत में यह क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है और यही समय है इस करिअर में कदम रखने का। जानें न्यूरोटेक्नोलॉजी फील्ड में मौके के बारे में।
जानें न्यूरोटेक्नोलॉजी में अंतरराष्ट्रीय विकल्प
- इम्पीरियल कॉलेज, लंदन से एमएसी न्यूरोटेक्नोलॉजी कर सकते हैं।
- ETH ज्यूरिख: न्यूरल सिस्टम्स में पढ़ाई कर सकते है।।
- यूनिवर्सिटी ऑफ ट्यूबिंगेन में पढ़ाई कर सकते है।।
- जर्मनी से न्यूरल एंड बिहेवियरल साइंसेज में पढ़ाई कर सकते है।
- UCL से न्यूरोसाइंस एंड न्यूरोटेक्नोलॉजी में कोर्स हैं।
- MIT, UCSD में ब्रेन इंजीनियरिंग का मौका है।
- Wyss सेंटर, जिनेवा में ब्रेन-कंप्यूटर सेंटर, जर्मनी से पीएचडी ब्रेन टेक्नोलॉजी करें।
- यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन, यूएसए में इंजीनियरिर्स और ब्रेन साइंटिस्ट्स के लिए टीम हैं।
कैसे शुरू करें न्यूरोटेक्नोलॉजी में पढ़ाई
- अंडर ग्रेजुएट के तौर पर: अधिकांश प्रोग्राम अकादमिक प्रदर्शन या आसान एंट्रेंस एग्जाम के आधार पर प्रवेश देते हैं।
- ग्रेजुएट के तौर पर: बीटेक या बीएससी के बाद गहराई से अध्ययन कर सकते हैं। गेट या यूनिवर्सिटी-विशेष टेस्ट के जरिए आगे बढ़ा जा सकता है।
- अंतराष्ट्रीय अनुभव: मजबूत अकादमिक रिकॉर्ड आपके लिए ग्लोबल अवसर खोलता है। कुछ देशों में इंग्लिश प्रॉफिशिएंसी टेस्ट की जरूरत हो सकती है।
- रिसर्च करना चाहेते हैं: पीएचडी प्रोग्राम सिर्फ अच्छे ग्रेड नहीं, बल्कि आपकी जिज्ञासा और रिसर्च विजन देखती हैं।
न्यूरोटेक्नोलॉजी में नौकरी के अवसर
- न्यूरोटेक्नोलॉजी इंजीनियर्स: ये कंप्यूटर और रोबोटिक अंग को दिमाग से जोड़ते हैं।
- ब्रेन इमेजिंग स्पेशलिस्ट्स: मस्तिष्क की तस्वीरें खींचकर बीमारियों का पता लगाना और इलाज में सहायक बनना है।
- ब्रेन डेटा साइंटिस्ट्स: मस्तिष्क के डेटा का अध्ययन और उससे संबंधित उपयोगी जानकारी बनाते हैं।
- एआई-ब्रेन डेवलपर्स: एआई के जरिए मस्तिष्क की गतिविधियों को समझना और बीमारियों की भविष्यवाणी करना होता है।
- न्यूरल थेरेपी टेक्नीशियन्स: मरीजों को विशेष ब्रेन थेरेपी देकर इलाज करना है।
भारत के टॉप कॉलेज में न्यूरोटेक्नोलॉजी कोर्स में पढ़ाई करने के अवसर
- IIT मद्रास: एमटेक बायोमेडिकल इंजीनियरिंग (ब्रेन टेक्नोलॉजी पर फोकस)
- IIT दिल्ली: एमटेक कॉग्निटिव साइंस
- NMHANS, बैंगलुरू: एमएससी न्यरोसाइंस
- IISc, बैंगलुरू: कम्प्यूटेशनल न्यूरोसाइंस
- SGT यूनिवर्सिटी, गुड़गांव: एमएससी न्यूरोसाइंस
- AIIMS, JIPMER, PGIMER, IHBAS: ब्रेन इमेजिंग और न्यूरल थेरेपी प्रोग्राम
