भोपाल: राजधानी में नगर निगम की लचार व्यवस्था के चलते हजारों नागरिक रात के समय असुरक्षा के माहौल में जीने को मजबूर है। शहर की प्रमुख सड़कों से लेकर अंदरूनी कॉलोनियों तक, खराब स्ट्रीट लाइटों की समस्या लाइलाज हो चुकी है। शहर की कुल स्थापित 70 हजार स्ट्रीट लाइटों में से लगभग 22 हजार लाइटें या तो पूरी तरह से बंद है या जलती-बुझती रहती है।
आंकड़े बताते है कि निगम के शिकायत प्रकोष्ठ में औसतन हर महीने स्ट्रीट लाइट खराब होने की 1500-1800 शिकायतें दर्ज हो रही हैं, लेकिन सुधार का औसत बेहद निराशाजनक है। कई शिकायतें हफ्तों तक अनसुनी पड़ी रहती हैं। निगम के विद्युत विभाग के पास स्टाफ और मरम्मत सामग्री की कमी का पुराना रोना है, जिसका खामियाजा आम जनता भुगत रही है।
इन जगहों पर है लाइटें खराब: सुभाष नगर से जिंसी तिराहे के बीच में, एमपी नगर से रचना नगर अंडर ब्रिज के बीच में, सरदार भगत सिंह पार्क के पास अशोक बिहार नगर निगम कॉलोनी (अशोका गार्डन), नर्मदापुरम रोड़, कोलार रोड के आंतरिक हिस्सों और पुराने शहर के संकीर्ण मार्ग।
