मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि न्याय पाना देश के हर नागरिक का मौलिक, बुनियादी, मानवीय और संवैधानिक अधिकार है। भारत की संघीय शासन व्यवस्था का आधार न्याय, जीवन, भोजन और स्वास्थ्य के अधिकारों की समान रूप से रक्षा करना है। लोक कल्याणकारी राज्य का पहला दायित्व है कि देश का कोई भी नागरिक न्याय पाने से वंचित न रहे। न्याय और सुशासन न केवल राष्ट्र और समाज को सुदृढ़ बनाते हैं , बल्कि शासन की जवाबदेही सुनिश्चित करते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे देश में न्याय के हर पक्ष पर मंथन करने की हजारों-लाखों वर्ष पुरानी परंपरा है। यहां कितने भी जटिल विषय क्यों न रहे हो, उन पर विद्वानों के साथ बैठकर शास्त्रार्थ कर समाधानों पर मंथन करते रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव आज इंदौर में न्यायधीशों, विधि वेत्ताओं, वैश्विक विशेषज्ञों और विधि विद्यार्थियों की अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने शनिवार को इंदौर में आयोजित "इवोल्विंग होराइजन्स: नेविगेटिंग कॉम्प्लेक्सिटी एंड इनोवेशन इन कमर्शियल एंड आर्बिट्रेशन लॉ इन द डिजिटल वर्ल्ड" विषय पर आयोजित विधि विशेषज्ञों की अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारंभ किया।
यह दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी 11 एवं 12 अक्टूबर 2025 को आयोजित की जा रही है, जिसमें कुल छह तकनीकी सत्र होंगे। मध्यप्रदेश न्यायिक अकादमी जबलपुर, उच्च न्यायालय इंदौर और डेनिश पेटेंट एंड ट्रेडमार्क ऑफिस डेनमार्क द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की तीन नवीन तकनीकी पहलें — *“Online Internship Form Submission Software”, “Online Communication System of Case Diaries”** तथा **“समाधान आपके द्वार”* (Compoundable Offences हेतु) — का लोकार्पण अतिथियों द्वारा किया गया, जिनका परिचय श्री न्यायमूर्ति विवेक रूसिया, प्रशासनिक न्यायाधीश, उच्च न्यायालय मध्यप्रदेश, खंडपीठ इंदौर द्वारा कराया गया। प्रथम दिन के कार्यक्रम का समापन न्यायमूर्ति श्री विवेक अग्रवाल, अध्यक्ष, मध्यप्रदेश राज्य न्यायिक अकादमी, जबलपुर द्वारा आभार प्रदर्शन के साथ हुआ।