जिला झाबुआ की कलेक्टर नेहा मीना ने जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा “आदि कर्मयोगी अभियान” के अंतर्गत आयोजित नेशनल कॉन्क्लेव में जिले का प्रतिनिधित्व किया। इस अवसर पर कलेक्टर नेहा मीना ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से जिले में आदि कर्मयोगी अभियान के तहत किए गए कार्यों, 651 ग्रामों के लिए तैयार एक्शन प्लान, जिले की सांस्कृतिक संरचना एवं भौगोलिक परिस्थितियों को सम्मिलित करते हुए नीति निर्माण स्तर पर आवश्यक सुझाव प्रस्तुत किए।
जनजातीय क्षेत्र में स्वास्थ्य एवं पोषण पर अपने प्रेजेंटेशन के माध्यम से उन्होंने जिले की भौगोलिक परिस्थितियों और सामाजिक संरचना से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि जिले में स्वास्थ्य एवं पोषण सुनिश्चित करने के लिए यह आवश्यक है कि जिले से पलायन पर गई महिलाओं एवं बच्चों को संबंधित राज्य में भी टीकाकरण, पोषण और एएनसी (ANC) रजिस्ट्रेशन जैसी सुविधाएं उपलब्ध हों, ताकि पोषण के बीच गैप उत्पन्न न हो।
साथ ही कलेक्टर ने जिले के लिए मोबाइल मेडिकल यूनिट की आवश्यकता बताई, जिसके माध्यम से गांव-गांव जाकर एएनसी (ANC) रजिस्ट्रेशन एवं अन्य मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें। उन्होंने डेडीकेटेड सिकल सेल यूनिट की आवश्यकता भी बताई, जो स्क्रीनिंग, ट्रीटमेंट और काउंसलिंग पर फोकस करे।
कलेक्टर ने जनजातीय स्वास्थ्य पर आधारित रिसर्च को मजबूत किए जाने की आवश्यकता पर जोर दिया, जिसमें सामाजिक रिसर्च पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने जिले के प्राचीन जनजातीय विशेषज्ञों के आयुर्वेदिक ज्ञान को आयुष पद्धति में शामिल करने का सुझाव दिया और कहा कि इन विषय विशेषज्ञों की कैपेसिटी बिल्डिंग कर मुख्यधारा के इलाज से जोड़ा जाना चाहिए।
साथ ही उन्होंने स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार जैसे अभियानों की निरंतरता पर जोर दिया, जिससे नारी के स्वास्थ्य-संबंधित गतिविधियां निरंतर जारी रह सकें। इसके अतिरिक्त कलेक्टर ने स्वास्थ्य एवं पोषण संबंधी जिले के नवाचार “मोटी आई” के बारे में भी बताया।
