Friday, October 17, 2025

केंद्र की फंडिंग में 200 प्रतिशत का इजाफा


केंद्रीय संचार एवं उत्तर-पूर्व क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शुक्रवार को कहा कि वित्त वर्ष 25 में केंद्र सरकार ने उत्तर-पूर्व रीजन में परियोजनाओं के लिए 3,447.71 करोड़ रुपए खर्च किए हैं, जो कि सालाना आधार पर पिछले साल के मुकाबले 74.4 प्रतिशत अधिक है और बीते तीन वर्षों में इसमें 200 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।


केंद्रीय मंत्री ने बताया कि यह प्रदर्शन उत्तर-पूर्व क्षेत्र विकास मंत्रालय के राजकोषीय अनुशासन, डिजिटल निगरानी और समय पर वितरण पर जोर के कारण संभव हुआ है। साप्ताहिक समीक्षा प्रणाली, चार किश्तों में धनराशि जारी करना और पूर्वोत्तर विकास सेतु पोर्टल के माध्यम से डिजिटल ट्रैकिंग ने पारदर्शिता और दक्षता लाई है, जिसके परिणामस्वरूप 97 प्रतिशत परियोजना निरीक्षण कवरेज और 91 प्रतिशत पूर्ण परियोजनाओं का संचालन हुआ है।


केंद्रीय मंत्री ने कहा, “उत्तर-पूर्व क्षेत्र की दशकीय जीडीपी वृद्धि दर देश के औसत से अधिक रही है। उन्होंने उच्च साक्षरता दर और विशाल जनसांख्यिकीय लाभांश पर भी प्रकाश डाला, जहां 70 प्रतिशत जनसंख्या 28 वर्ष से कम आयु की है। ये सभी मिलकर इस क्षेत्र को सही मायने में भारत का विकास इंजन बनाते हैं।”


केंद्रीय मंत्री के मुताबिक, एक प्रमुख शासन सुधार के तहत, मंत्रालय ने पर्यटन, निवेश, हस्तशिल्प, कृषि, बुनियादी ढांचा, खेल, पूर्वोत्तर आर्थिक गलियारा और प्रोटीन आत्मनिर्भरता जैसे आठ क्षेत्रों में मुख्यमंत्री के नेतृत्व में क्षेत्रीय उच्च-स्तरीय कार्यबलों को संस्थागत रूप दिया है। ये कार्यबल अंतरराज्यीय सहयोग को बढ़ावा दे रहे हैं, नीतिगत तालमेल को सक्षम बनाते हुए यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि विकास के प्रयास राज्य तक सीमित होने के बजाय क्षेत्रीय रूप से एकीकृत हों।


एक अंतर-मंत्रालयी सुविधा तंत्र के माध्यम से, उत्तर-पूर्व क्षेत्र विकास मंत्रालय ने शिलांग हवाई अड्डे के विस्तार, सिक्किम में राष्ट्रीय राजमार्ग-10 के वैकल्पिक एलाइनमेंट और त्रिपुरा में कैलाशहर हवाई अड्डे के विकास सहित प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं के लिए अनुमोदन में तेजी लाई है, जिससे क्षेत्र की कनेक्टिविटी की रीढ़ मजबूत हुई है।


केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वर्ष के दौरान निवेश में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई। मई 2025 में भारत मंडपम, नई दिल्ली में आयोजित राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट 2025 और संबंधित कार्यक्रमों में आठ मुख्यमंत्रियों, आठ केंद्रीय मंत्रियों, 100 से अधिक राजदूतों और 108 सार्वजनिक उपक्रमों ने भाग लिया, जिसके परिणामस्वरूप 4.48 लाख करोड़ रुपए मूल्य की निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हुए – जो इस क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।

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