कई दंपती ऐसे होते हैं जिनकी संतान नहीं होती है। वे इसके लिए बच्चा गोद लेना चाहते हैं। बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया आप घर बैठे ऑनलाइन माध्यम से कर सकते हैं। अब बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया पहले से काफी आसान और पारदर्शी हो गई है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अधीन कार्य करने वाला केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (कारा) देश में दत्तक ग्रहरण की पूरी प्रक्रिया को नियंत्रित करता है। कारा सरकारी एजेंसी है जो यह सुनिश्चित करती है कि बच्चे को गोद लेने की पूरी प्रक्रिया कानूनी, पारदर्शी और बच्चे के हित में हो।
कौन कर सकता है गोद लेने के लिए आवेदन: किसी भी धर्म, जाति या समुदाय का व्यक्ति बच्चा गोद ले सकता है, यदि वह मानसिक और आर्थिक रूप से सक्षम है। इसके लिए विवाहित जोड़े की शादी को कम से कम दो वर्ष हो चुके हों। दोनों पति-पत्नी की सहमति आवश्यक है। गोद लेने वाले की उम्र और बच्चे की उम्र में 25 वर्ष का अंतर हो। अविवाहित व्यक्ति भी बच्चा गोद ले सकता है, लेकिन समान लिंग के दंपतियों के लिए फिलहाल यह अनुमति नहीं है।
ऐसे करें प्रक्रिया पूरी: गोद लेने की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है। इसके लिए सबसे पहले कारा वेबसाइट cara.wcd.gov.in पर जाकर चाइल्ड एडाप्शन रिसोर्स इंफार्मेशन एंड गाइडेंस सिस्टम (केरिंग) पोर्टल में लागिन करें और प्रोस्पेक्टिव एडाप्टिव पेरेंट्स रजिस्ट्रेशन पर क्लिक करें। इस पर पहचान प्रमाण, आय प्रमाण, स्वास्थ्य रिपोर्ट, फोटो आदि स्कैन कर अपलोड करें। आवेदन के बाद संबंधित स्पेशलाइज्ड अडाप्शन एजेंसी आपके घर आकर आपकी स्थिति और वातावरण का मूल्यांकन करती है। यह रिपोर्ट प्रक्रिया का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होती है। आपकी रिपोर्ट स्वीकृत होने के बाद पोर्टल पर तीन बच्चों की जानकारी दिखाई जाती है।
अभिभावक के नाम से बन सकते हैं दस्तावेज: अदालत से एडाप्शन आर्डर मिलने के बाद गोद लिए गए बच्चे का जन्म प्रमाणपत्र, पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज नए अभिभावकों के नाम से बनवाए जा सकते है। एजेंसी बच्चे की शुरूआती देखभाल के लिए कुछ समय तक परामर्श व निगरानी भी करती है।
