दीनदयाल अंत्योदय योजना कब शुरू हुई- दीनदयाल अंत्योदय योजना दो भागों में शुरू हुई थी: डीएवाई-एनआरएलएम (राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन) की शुरुआत जून 2011 में हुई थी और डीएवाई-एनयूएलएम (राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन) की शुरुआत सितंबर 2013 में हुई थी। ये दोनों योजनाएँ भारत सरकार द्वारा ग्रामीण और शहरी गरीबों की आजीविका के अवसरों को बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू की गई थीं।
मुख्य जानकारी
दीनदयाल अंत्योदय योजना- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम): इसे ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा जून 2011 में शुरू किया गया था। यह ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब परिवारों को स्वयं सहायता समूहों में संगठित कर उनकी आजीविका में सुधार करने पर केंद्रित है।
दीनदयाल अंत्योदय योजना- राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (डीएवाई-एनयूएलएम): इसे आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय द्वारा 24 सितंबर, 2013 को लॉन्च किया गया था। इसका उद्देश्य शहरी गरीबों के लिए कौशल विकास और अन्य उपायों के माध्यम से आजीविका के अवसर बढ़ाना है।
योजना के मुख्य उद्देश्य- मिशन का उद्देश्य ग्रामीण गरीब परिवारों की महिलाओं को स्व-सहायता समूह के रूप में संगठित कर उन्हें सशक्त बनाने हेतु प्रशिक्षित कर एवं समूह सदस्यों के परिवारों को उपयोगी स्व-रोजगार एवं कौशल आधारित रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है ताकि गरीबों की मजबूत बुनियादी संस्थाओं के माध्यम से उनकी जीविका को स्थायी आधार पर बेहतर बनाया जा सके। योजनांतर्गत ग्रामीण गरीब परिवारों की महिलाओं के सशक्त स्व सहायता समूह बनाये जाकर उनका संस्थागत विकास तथा आजीविका के संवहनीय अवसर उपलब्ध कराने हेतु किया जाता है।
योजना के प्रमुख घटक
- राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (DAY-NULM): शहरी गरीबों को रोजगार के अवसर, कौशल विकास और आश्रय प्रदान करना।
- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM): ग्रामीण गरीबों को स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से संगठित करना, वित्तीय साक्षरता प्रदान करना और आजीविका संवर्धन के अवसर प्रदान करना।
- स्टार्ट-अप विलेज एंटरप्रेन्योरशिप प्रोग्राम (SVEP): ग्रामीण क्षेत्रों में व्यक्तिगत और समूह उद्यमों को बढ़ावा देना, जिसमें रियायती ऋण और क्रेडिट गारंटी शामिल है।
- महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना (MKSP): महिला किसानों की आजीविका और आय में सुधार करना।
- सामाजिक आजीविका और आश्रय: शहरी बेघरों के लिए स्थायी, चौबीसों घंटे काम करने वाले सामुदायिक आश्रय स्थल उपलब्ध कराना।
यह कैसे काम करती है- यह योजना गरीबों को विभिन्न प्रकार के समर्थन प्रदान करती है, जिसमें कौशल प्रशिक्षण, ऋण के लिए ब्याज सब्सिडी, वित्तीय सहायता, और बाजार तक पहुंच शामिल है। इसका उद्देश्य गरीबों को आत्मनिर्भर बनाना और समाज की मुख्यधारा में एकीकृत करना है।
लाभार्थी के लिए आवश्यक शर्ते / लाभार्थी चयन प्रक्रिया- SECC 2011 के अनुसार लक्षित ग्रामीण गरीब परिवारों की एक महिला सदस्य। ।
लाभार्थी वर्ग-सामान्य ,अन्य पिछड़ी जाति ,अनुसूचित जाति ,अनुसूचित जनजाति ,अल्पसंख्यक ,गरीबी रेखा से नीचे के लिए
लाभार्थी का प्रकार- महिला ,ग्रामीण
लाभ की श्रेणी- ऋण ,अनुदान ,प्रशिक्षण ,अन्य
योजना का क्षेत्र- Rural
आवेदन/संपर्क/पंजीयन/प्रशिक्षण कहाँ करें
- समुदाय के स्तर पर - ग्राम संगठन एवं संकुल स्तरीय संगठन
- मिशन स्तर पर - जिला एवं विकासखण्ड कार्यालय
आवेदन प्रक्रिया- SECC 2011 के अनुसार लक्षित ग्रामीण गरीब परिवारों की एक महिला सदस्य को मोबालाइज कर समूह से जोड़ा जाता है एवं समूहों के फेडरेशन का गठन एवं सशक्तिकरण किया जाता है।
आवेदन शुल्क- नि:शुल्क
अनुदान /ऋण /वित्तीय सहायता /पेंशन/लाभ की राशि
(क) रिवाल्विंग फंड (प्रति समूह अधिकतम रू.15 हजार का प्रावधान) ।
(ख) सामुदायिक निवेश निधि (ग्राम संगठन से जुड़े कुल समूहों में से 50 प्रतिशत समूहों को प्रति समूह अधिकतम रु. 1,50,000) । (ग) आपदा कोष (अति गरीब वर्गों के व्यक्तियों/परिवारों को किसी विपत्ति का सामना करने के लिय प्रति सदस्य रू.1,500) ।
हितग्राहियों को राशि के भुगतान की प्रक्रिया / हितग्राहियों को ऋण एवं अनुदान की व्यवस्था /वित्तीय प्रावधान- पात्र स्व-सहायता समूहों को मिशन द्वारा निर्धारित सूत्रों का पालन करने पर वित्तीय लाभ दिये जाने का प्रावधान है। समूहों को आजीविका गतिविधि हेतु परिक्रामी निधि (रिवाल्विंग फंड), सामुदायिक निवेश राशि (सी.आई.एफ.), आपदा राहत राशि (वी.आर.एफ) उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान है। साथ ही स्व-सहायता समूह को आजीविका गतिविधियों के लिए बैंको से ऋण प्राप्त करने में सहयोग प्रदान किये जाने का प्रावधान है।
ऑनलाइन आवेदन हेतु लिंक- https://prd.mp.gov.in/nrlm/
(स्रोत- पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग)
