DGCA का बड़ा फैसला: कला संकाय के छात्र भी बन सकेंगे पायलट

May 27, 2025 • Anita raj singh

नई दिल्ली- भारत में अब कक्षा 12वीं में Art या commerce पढ़ने वाले छात्र भी व्यावसायिक पायलट (commercial pilot) बनने का सपना साकार कर सकेंगे। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने एक ऐतिहासिक प्रस्ताव को मंजूरी दी है, जो पिछले तीन दशकों से चले आ रहे 'सिर्फ विज्ञान वर्ग' की पात्रता नियम को समाप्त करता है।


अब तक व्यावसायिक पायलट लाइसेंस (CPL) हासिल करने के लिए कक्षा 12वीं में भौतिकी और गणित का होना अनिवार्य था। इसके कारण हजारों इच्छुक उम्मीदवारों को ओपन स्कूलिंग के जरिये दोबारा विज्ञान विषयों से परीक्षा देनी पड़ती थी। लेकिन अब डीजीसीए ने प्रस्ताव भेजा है कि सभी 12वीं पास छात्र, चाहे वे ARTS, COMMERCE या SCIENCE किसी भी स्ट्रीम से हों, यदि वे मेडिकल और एप्टीट्यूड टेस्ट पास कर लेते हैं, तो उन्हें पायलट प्रशिक्षण के लिए पात्र माना जाएगा।


यह प्रस्ताव नागरिक उड्डयन मंत्रालय को भेज दिया है, जो अब इसे कानून मंत्रालय को भेजेगा। कानून मंत्रालय की अधिसूचना के बाद यह नया नियम औपचारिक रूप से लागू हो जायेगा।


क्यों जरूरी था बदलाव?


उड्डयन क्षेत्र के विशेषज्ञों का कहना है कि यह नियम अनावश्यक रूप से सीमित था और भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश था जो पायलट बनने के लिए विज्ञान की अनिवार्यता रखता था। उनका तर्क है कि उड़ान से जुड़े विज्ञान के मूलभूत सिद्धांत स्कूल के प्रारंभिक स्तर पर पढ़ाए जाते हैं, और इन्हें प्रशिक्षण के दौरान भी सिखाया जा सकता है।


संभावित असर क्या होगा?


अब सभी विषयों के छात्र पायलट बनने की दौड़ में आ सकेंगे। आर्ट्स और कॉमर्स छात्रों के लिए भी पायलट बनना एक व्यवहारिक करियर विकल्प होगा। भारत में बढ़ती एयरलाइन सेवाओं के मद्देनजर प्रशिक्षित पायलटों की मांग तेजी से बढ़ रही है। जिसकी पूर्ति संभव हो सकेंगी।