CM Helpline: शिकायतों को निपटाने में 55 जिलों में भोपाल सबसे फिसड्डी

Apr 29, 2025 • Ruchi mehra

भोपाल- सीएम हेल्पलाइन से प्राप्त शिकायतों में भोपाल जिले की स्थिति पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा खराब है। जिले वार ग्रेडिंग के अनुसार जिले में 1 मार्च 2025 से 31 मार्च 2025 तक प्राप्त हुई 14103 शिकायतों में केवल 6487 शिकायतें यानी लगभग 46 प्रतिशत शिकायतों का ही निदान हो पाया है।


प्रदेश के 55 जिलों में भोपाल जिले की स्थिति सबसे खराब


जिलेवार रेटिंग के अनुसार प्रदेश के 55 जिलों में सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों को निपटाने में भोपाल की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है। यहां प्राप्त शिकायतों में केवल 46 फीसदी शिकायतें ही संतुष्टि के साथ बंद की गई हैं, जबकि नियमों के तहत 60 फीसदी शिकायतों को बंद किया जाना चाहिए। वहीं 50 दिन से अधिक लंबित शिकायतों में केवल 10.6 फीसदी शिकायतों को ही समय पर बंद किया जा सका है, जबकि 20 फीसदी शिकायतों को बंद किया जाना था।


शिकायतों के निराकरण में नहीं अधिकारीयों की रूचि


कलेक्टर भोपाल कौशलेंद्र विक्रम सिंह हर शुक्रवार होने वाली समय अवधि बैठक में शिकायतों के गुणवत्ता के साथ निराकरण करने की अपील करते हैं। उसके बाद भी अधिकारी शिकायतों के निपटारे में रूचि नहीं दिखा रहे और न ही शिकायतों के निपटारें को लेकर कोई ठोस पहल हो सकी। नतीजतन जिला सीएम हेल्पलाइन से प्राप्त शिकायतों को निपटाने में पूरे प्रदेश में अंतिम स्थान पर खड़ा हुआ है।


नगर निगम वार ग्रेडिंग में ए रेटिंग प्राप्त होने के बाद भी जिलों में सबसे आखिरी


नगर निगम बार ग्रेडिंग में जिला भले ही ए रेटिंग प्राप्त कर 82.93 फीसदी का कुल वेटेज स्कोर प्राप्त करने में सफल रहा हो, लेकिन इस पंक्ति में भी भोपाल जिला सबसे आखिरी स्थान पर ही खड़ा है। आंकड़ों के मुताबिक इस अवधि में प्राप्त 5340 शिकायतों में पूरी संतुष्टि के साथ हल की गई शिकायतों का वेटेज 46.88 फीसदी है। यानि 2503 शिकायतों का ही निराकरण किया जा सका है।


इन विभागों में पेंडिंग शिकायतों की संख्या सर्वाधिक


जिले में नगर निगम, पुलिस, ऊर्जा विभाग, राजस्व विभाग, पीएचई ऐसे विभाग हैं, जहां लोगों के द्वारा बड़े पैमाने पर शिकायतें की जाती हैं, लेकिन इनका समय पर निराकरण नहीं हो पाता है। कई बार शिकायतें बिना संतुष्टि के ही बंद कर दी जाती है, इस कारण आवेदक फिर से शिकायतें करते हैं। नगर निगम, पुलिस व ऊर्जा विभाग भले ही ए रेटिंग के साथ शिकायतों का निराकरण करने का दावा करें, लेकिन इन विभागों में पेंडिंग शिकायतों की संख्या सर्वाधिक है।