भोपाल- रत्नागिरी तिराहे से आसाराम तिराहे तक अयोध्या बायपास को सिक्सलेन किया जाना है। इसके चलते सड़क के दोनों ओर लगे लगभग आठ हजार से ज्यादा पेड़ काटे जाएंगे। इसको लेकर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने केविएट सूचना भी जारी कर दी है। पेड़ों की कटाई से सड़क का चौड़ीकरण तो हो जाएगा, लेकिन शहर की हरियाली पूरी तरह से खत्म हो जाएगी। जिससे शहर का तापमान बढ़ेगा। बता दें कि वर्तमान में शहर के ग्रामीण इलाकों में जलवायु संकट के चलते भीषण गर्मी पड़ रही है, जिससे जलस्त्रोत सूख रहे हैं।
इन्हीं समस्याओं को देखते हुए भोपाल वासियों ने सड़क चौड़ीकरण का विरोध करना शूरू कर दिया है और शासन से इन आठ हजार पेड़ों को बचाने की अपील की है। रविवार को कटारा हिल्स स्थित बागमुगालिया एक्सटेंशन कालोनी के लोगों ने कालोनी अध्यक्ष उमाशंकर तिवारी के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर विरोध किया और विरोध प्रदर्शन करते हुए शासन से निर्णण बदलने की अपील की। रहवासियों ने बताया कि यदि शासन ने निर्णय नहीं बदला तो वे इस फैसले के विरोध सड़क पर उतरेंगे और यदि आवश्यकता हुई तो शहर वासियों को जागरूक करते हुए बड़े पैमाने पर विरोध दर्ज कराया जाएगा।
जिन पेड़ों को एनएचएआइ द्वारा चिन्हित किया गया है। उनमें 50 साल से लेकर 100 साल पुराने तक कई पेड़ मौजूद हैं, जिनमें मुख्य रूप से पीपल, बरगद, नीम, आम, इमली और अन्य बड़े पेड़ मौजूद हैं। इन पेड़ों से शहर को काफी आक्सीजन मिलती है। यदि इन पेड़ों को काटकर इनकी जगह पर अन्य पेड़ लगाए जाते हैं, तो उसे इतनी आक्सीजन मिलने में कम से कम 30 साल का समय लगेगा।